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महाशिवरात्रि पर शिव की अनूठी भव्य बारात

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महाशिवरात्रि को त्यौहारों का राजा कहा जाता है। यह पर्व भगवान शंकर की पूजा तथा भक्त की श्रद्धा और आस्था का पर्व है। शिवरात्रि व्रत ’सर्व पाप प्रणाशनम्’ अर्थात् सभी पापों को नष्ट करने वाला तथा ’भुक्ति भुक्ति प्रदायकम्’ अर्थात्  भोगों तथा मोक्ष का प्रदाता है। मान्यता है कि जो लोग शिवरात्रि का व्रत रखते हैं, उन्हें कामधेनु, कल्पवृक्ष और चिंतामणि के सदृश मनोवांछित फल प्राप्त होता है। स्कंद पुराण में उल्लेख है कि ‘जो मनुष्य महाशिवरात्रि के दिन व्रत कर जागरण करता है और विधिवत शिव पूजा करता है, उसे फिर कभी अपनी माता का दूध नहीं पीना पड़ता, वह मुक्त हो जाता है, अर्थात् उसे मोक्ष प्राप्ति होती है। ज्योतिष के अनुसार अमावस्या में चंद्रमा सूर्य के समीप होता है, अतः उस समय जीवन रूपी चंद्रमा का शिवरूपी सूर्य के साथ संयोग होने से इष्ट सिद्धि की प्राप्ति होती है।
        शिवरात्रि शिव-पार्वती के विवाह का दिन है। शिव-पार्वती के मिलन की रात है, शिव शक्ति पूर्ण समरस होने की रात है। इसलिए शिव ने पार्वती को वरदान दिया कि आज शिवरात्रि के दिन जहाँ कहीं तुम्हारे साथ मेरा स्मरण होगा, वहाँ उपस्थित रहूँगा। 
         महाशिवरात्रि के दिन शिव मंदिर में पूजा अर्चना के बाद जब दोपहर में शिव-पार्वती बारात में शामिल होने का अवसर मिला तो आत्मीय शांति का अनुभव हुआ। यूट्यूब पर विडियो लोड हुआ तो उसमें ब्लॉग पर शेयर करने का बटन भी सामने आ गया तो क्लिक करने पर ब्लॉग पर आ गया तो सोचा इसके साथ ही दो-चार शब्द लिखती चलूँ।
महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाओं सहित
 

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