राष्ट्रीय शिक्षा दिवस
हमारे देश में 11 सितंबर 2008 को केन्द्र सरकार द्वारा देश के महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान और प्रख्यात शिक्षाविद् अबुल कलाम आजाद की जयंती को 'राष्ट्रीय शिक्षा दिवस'के रूप में मनाये जाने की...
View Articleप्रवासी पंचायत : मेरा गांव मेरा तीर्थ, चलो गाँव की ओर
हमारा उत्तराखंड राज्य बनने के बहुत पहले से ही गांव से लेकर शहर और राजनीतिक गलियारों में 'पहाड़ों से पलायन'एक गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। एक अलग राज्य बनने के बाद जनता को सरकार से उम्मीद थी कि वे...
View Articleये तेरा पैसा-मेरा पैसा
ये तेरा पैसा-मेरा पैसासारा खेल कराता पैसा खूब हँसाता, खूब रूलातासबको नाच नचाता पैसानाते रिश्ते सबसे पीछेसबसे आगे रहता पैसा खूब हँसाता, खूब रूलातापानी से बह जाता पैसाये तेरा पैसा-मेरा पैसासारा खेल कराए...
View Articleभोपाल गैस त्रासदी की याद
आज वर्ष 1984 में भोपाल में हुई विश्व की सबसे भीषण औद्योगिक त्रासदी की 38वीं बरसी है। इस त्रासदी में हज़ारोँ की संख्या में जान गँवाने वाले मृतकों की याद में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष...
View Articleतुम हां तुम
तुम हां तुम हो... तुम हां तुम हमारे सपनों में आने वाले तुम हां तुम तुम ही हो चांद तुम ही हो सितारे तुम जो मुस्कुरा दो तो खुशियां भर दो तुम दिल में हमारे जब से है जाना तुम्हें तो तुम ही लगी दुनिया में...
View Articleभोजपाल महोत्सव मेला
भोजपाल महोत्सव मेले का आयोजन भेल दशहरा मैदान गोविन्दपुरा, भोपाल में हर वर्ष नवंबर से दिसंबर माह में विगत 7 वर्ष से भेल जनसेवा समिति, भोपाल द्वारा किया जा रहा है, जो कि 35 दिन चलता है। इस मेले का मुख्य...
View Articleलघु भारत प्रदर्शनी
विविधता में एकता हमारी भारतीय संस्कृति की पहचान है। यह विश्व में सबसे प्राचीन सभ्यता का एक ऐसा जाना-माना देश है, जहाँ पुरातन काल से ही कई प्रजातीय समूह साथ-साथ रहते आये हैं। यहाँ 'लघु भारत'के रूप में...
View Articleलोकोक्तियों से कविता की रचना करना एक दुष्कर कार्य होता है
भूमिका : लोकोक्तियों की कविता- डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’*****अपने चौहत्तर साल के जीवन में मैंने यह देखा है कि गद्य-पद्य में रचनाधर्मी बहुत लम्बे समय से सृजन कर रहे हैं। लेकिन ऐसे बहुत कम लोग हैं...
View Articleसारा खेल कराता पैसा
नाते रिश्ते इसके पीछे सबके आगे रहता पैसाखूब हंसाता खूब रूलातासबको नाच नचाता पैसाअपने इससे दूर हो जाते दूजे इसके पास आ जाते दूर पास का खेल ये कैसासबको नाच नचाता पैसाबना काम खुश होकर लौटेओढ़ी चादर सो गए...
View Articleगुलाब प्रदर्शनी
किसी ने गुलाब के बारे में खूब कहा है- “गीत प्रेम-प्यार के ही गाओ साथियो, जिन्दगी गुलाब सी बनाओ साथियो।"फूलों के बारे में अनेक कवियों, गीतकारो और शायरो ने अपने मन के विचारों को व्यक्त किया है, जैसे-...
View Articleसूर्योपासना का पर्व है मकर संक्रांति
हमारे भारतवर्ष में मकर संक्रांति, पोंगल, माघी उत्तरायण आदि नामों से भी जाना जाता है। वस्तुतः यह त्यौहार सूर्यदेव की आराधना का ही एक भाग है। यूनान व रोम जैसी अन्य प्राचीन सभ्यताओं में भी सूर्य और उसकी...
View Articleनेताजी सुभाषचंद्र बोस जयंती
उड़ीसा की राजधानी और महानदी के तट पर बसे कटक नगर में रायबहादुर जानकीनाथ बोस के यहाँ 23 जनवरी, 1897 को सुभाष बाबू का जन्म उस समय हुआ जब देश पराधीनता की बेडि़यों में जकड़ा हुआ था। भारतीय राष्ट्रीय...
View Article14 फरवरी 2019 - काला दिवस
बुझा है जिस घर-आँगन का चिराग उस घर की दरो-दीवार भी रोई होंगी खोया जिन माओं ने अपना लाल उस काली रात को कैसी रही होंगी छलनी किया जिन दहशत गर्दों ने सीना उन्हें उनकी औकात दिखानी होगीभूल न जाना कर्ज उन वीर...
View Articleमहाशिवरात्रि पर शिव की अनूठी भव्य बारात
महाशिवरात्रि को त्यौहारों का राजा कहा जाता है। यह पर्व भगवान शंकर की पूजा तथा भक्त की श्रद्धा और आस्था का पर्व है। शिवरात्रि व्रत ’सर्व पाप प्रणाशनम्’ अर्थात् सभी पापों को नष्ट करने वाला तथा ’भुक्ति...
View Articleगीत : यह सब चलता रहता है
रात दिन की किचकिच पिटपिटतंग होकर भागी बीबीघर छोड़कर भागी बीबीवह अपना दुःखड़ा सबको सुनाता फिरता हैतू चिंता मत कर आ आयेगीपास बैठ कोई अपना समझाने लगता हैऊँच नीच की बातें चलतीहोता गला तर गम धुंए में उड़ता...
View Articleगेहूँ-चने से भरे-लदे खेतों में एक दिन
बच्चों के सिर से परीक्षा का बोझ उतरा तो उन्होंने चैन की बंसी बजाई तो मैंने भी कुछ राहत पायी। पिंजरे में बंद रटन्तु तोते की तरह एक ही राग अलापने की बोरियत से निजात दिलाने उन्मुक्त हवा में सांस लेने का...
View Articleउत्तराखंडी होली की रंगत
जैसे ही मार्च का महीना शुरू होता है तो होली के रंग में मन डूबने-उतरने लगता है। होली में सबसे ज्यादा याद आती है गांव की होली, जब हुरियारों की टोलियां गाते हुए घर के आंगन में आकर होली के गीतों की एक से...
View Articleगीत : लाख बहाने पास हमारे
लाख बहाने पास हमारेकैसा फैला झूठा रोगजितने रंग बदलता गिरगिटउतने रंग बदलते लोगनहीं पता कब किसकोकिसके आगे रोना-झुकना रंग बदलती दुनिया मेंकब कितना जीना-मरना नहीं कुछ जब पास तुम्हारेकोई कितना अपना रहता...
View Articleदिव्य कला मेला
इन दिनों हमारे मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में पहली बार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा 12 मार्च से 21 मार्च तक चलने वाले दिव्य कला मेला का आयोजन किया गया है। जहाँ हमें देश के १९...
View Articleगुड़ी पड़वा- चैत्र शुक्ल प्रतिपदा |Hindu New Year|
चैत्र मास का प्रथम दिवस हिन्दू नववर्ष जो चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ सूचक भी है। भारतीय समाज के आध्यात्म, जीवन दर्शन, अन्नोपार्जन, व स्वास्थ्य समृद्धि का महत्वपूर्ण पर्व है। विजय ध्वज स्वरूप गुड़ी पड़वा...
View Article