सावन के झूले और उफनते नदी-नाले। वर्षा ऋतु के खूबसूरत नज़ारे
ग्रीष्मकाल आया तो धरती पर रहने वाले प्राणी ही नहीं अपितु धरती भी झुलसने लगी। खेत-खलियान मुरझाये तो फसल कुम्हालाने लगी। घास सूखी तो फूलों का सौन्दर्य-सुगंध तिरोहित हुआ। बड़े-बड़े पेड़-पौधे दोपहर की तपन...
View Articleभोजताल का उत्सव
सावन सूखा निकला जा रहा था। बरसात आंख-मिचौनी का खेल खेल रही थी। बारिश के आगमन और गमन के पूर्वाभास में मौसम विशेषज्ञ भी धोखा खा रहे थे। बादल 'जो गरजते हैं, वे बरसते नहीं'के तर्ज पर आकर बिन बरसे सरपट किधर...
View Articleगरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग-1) एक और मांझी डॉ. धर्मेन्द्र मांझी
गहरी नींद में डूबकर भविष्य के सुनहरे सपने तो हर कोई देख सकता है, लेकिन जो जागती आंखों में सपना पाल के उसे साकार कर दुनिया को दिखा देता है, ऐसा लाखों में कहीं कोई एक ही देखने को मिलता है। ऐसे ही लाखों...
View Articleगरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग-2) एक और मांझी : डॉ. धर्मेंद्र मांझी
धर्मेन्द्र मांझी रात भर सोच-विचार कर रोता-कल्पता रहा। जब सुबह हुई और उसने उगते सूरज को देखा तो उसे यह बात समझ आयी कि सूरज भी तो हर दिन डूबता है और फिर अगले दिन घोर अँधेरे को चीरकर बाहर निकल आता है।...
View Articleगरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग-3) एक और मांझी की डॉक्टर बनने की संघर्ष गाथा
एक और मांझी की डॉक्टर बनने की संघर्ष गाथा पूर्व से निरन्तर........ पहले वर्ष जब उसने पीएमटी की परीक्षा दी तो उसे 200 में से 30 अंकमिले। उसके पास न पैसे थे न खाने-पीने और रहने का कोई ठिकाना ही था, ऊपर...
View Articleगरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग - 4 ) एक और मांझी की डॉक्टर बनने की संघर्ष गाथा
गरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग - 4 ) एक और मांझी की डॉक्टर बनने की संघर्ष गाथा गतांक से आगे ...............तीसरी बारउसने PMTकी परीक्षा दी तो उसके 200 में से 105 अंकआये। उसे एक बार असफलता का स्वाद चखना...
View Articleगरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग- 5) एक और मांझी की डॉक्टर बनने से संघर्ष गाथा
पूर्व से निरन्तर ----------- एक वर्ष और बीत चला तो फिर वह आठवीं बारनीट की परीक्षा में बैठा तो उसमें उसे 700 में से 360अंक प्राप्त हुए। पिछले वर्ष से 40 अंक बढ़कर आये तो उसने सोचा फिर बायोमेंटर...
View Articleगरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग- 6) एक और मांझी की डॉक्टर बनने से संघर्ष गाथा
पूर्व से निरंतर ..........अब उसके सामने दो विकल्प थे। पहला यह कि वह अपने सपने को तिलांजलि देकर सरकारी डेंटल कॉलेज ले ले और दूसरा प्रायवेट कॉलेज से एमबीबीएस कर अपने डॉक्टर बनने के सपने को साकार कर...
View Articleगरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग- 7) एक और मांझी की डॉक्टर बनने से संघर्ष गाथा
गतांक से निरंतर ..... अब उसका MBBS का द्वितीय वर्ष प्रारम्भ हो गया, जो कि डेढ़ वर्ष होता है। इसमें विषय भी ज्यादा थे- फार्मा, माइक्रोबायोलॉजी, फॉरेंसिक मेडिसिन पैथोलॉजी और पीएसएम। इस समय उसके सामने...
View Articleगरीबी में डॉक्टरी : कहानी (भाग- 8) एक और मांझी की डॉक्टर बनने से संघर्ष गाथा
गतांक से निरंतर ..... एक हफ्ते बाद जब वह अपने दादू सर को साथ लेकर सतपुड़ा भवन स्थित ओबीसी ऑफिस में आवेदन की स्थिति पूछने गए तो, वहाँ एक सहायक संचालक महोदय ने उन्हें जवाहर चौक स्थित उनके सहायक संचालक...
View Articleहिन्द देश का प्यारा झंडा
हिन्द देश का प्यारा झंडा ऊँचा सदा रहेगातूफान और बादलों से भी नहीं झुकेगानहीं झुकेगा, नहीं झुकेगा, झंडा नहीं झुकेगाहिन्द देश का प्यारा ..........................केसरिया बल भरने वाला सदा है सच्चाईहरा रंग...
View Articleकेवल राष्ट्र के लिए था यह सृजन | स्वाधीनता आंदोलन में हिंदी कलमकारों की भूमिका |
देश की स्वतंत्रता के लिए 1857 से लेकर 1947 तक क्रान्तिकारियों व आंदोलनकारियों के साथ ही लेखकों, कवियों और पत्रकारों ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उस समय खूब लिखा गया। खूब पढ़ा गया। आज की तरह तब...
View Articleअबकी बार राखी में जरुर घर आना । रक्षाबंधन।
राह ताक रही है तुम्हारी प्यारी बहना अबकी बार राखी में जरुर घर आनान चाहे धन-दौलत, न तन का गहनाबैठ पास बस दो बोल मीठे बतियाना मत गढ़ना फिर से कोई नया बहानाराह ताक रही है तुम्हारी प्यारी बहना अबकी बार...
View Articleभाई बहन का स्नेहिल बंधन है रक्षाबंधन
हमारी भारतीय संस्कृति में अलग-अलग प्रकार के धर्म, जाति, रीति, पद्धति, बोली, पहनावा, रहन-सहन के लोगों के अपने-अपने उत्सव, पर्व, त्यौहार हैं, जिन्हें वर्ष भर बड़े धूमधाम से मनाये जाने की सुदीर्घ...
View Articleमान-सम्मान पर बट्टा | हिंदी कहानी |
दिन ढ़लने के बाद जहां गांव के लोग हर दिन की तरह अपनी खेती-पाती के काम से फुर्सत होकर अपने-अपने घरों में दुबके थे। वहीं उस गांव में एक ऐसा व्यक्ति भी था, जिसके पास कभी गांव के लोगों का तांता लगा रहता...
View Articleश्री कृष्ण जन्माष्टमी Shri Krishna Janmashtami
मान्यता है कि त्रेता युग में 'मधु'नामक दैत्य ने यमुना के दक्षिण किनारे पर एक शहर ‘मधुपुरी‘ बसाया। यह मधुपुरी द्वापर युग में शूरसेन देश की राजधानी थी। जहाँ अन्धक, वृष्णि, यादव तथा भोज आदि सात वंशों ने...
View Articleगढ़वाली गीत। म्यारू भुल्ला तु दारू नि पेई || uttarakhandi Geet ||
भले काचू पाकू रूखु सूखू खैईभले जनि तनि करि घर तू चलैईभले कैका गोरू बकरा चरैईमगर म्यारू भुल्ला दारू नि पेईयु दारू त घर मा झगड़ा करांदफेफड़ा सुखांद जिकुड़ी जलांदबुरी लत येकी कभी नि लगैईभले काचू पाकू रूखु...
View Articleयूँ ही अचानक कहीं कुछ नहीं घटता । Yun Hi Achanak Kahin Kuchh Nahin Ghatta।...
यूँ ही अचानक कहीं कुछ नहीं घटताअन्दर ही अन्दर कुछ रहा है रिसता किसे फुरसत कि देखे फ़ुरसत से जरा कहाँ उथला कहाँ राज है बहुत गहराबेवजह गिरगिट भी नहीं रंग बदलता यूँ ही अचानक कहीं कुछ नहीं घटता यूँ कहने को...
View Articleकुछ शर्माती कुछ सकुचाती
कुछ शर्माती कुछ सकुचातीजब आती बाहर वो नहाकरमन ही मन कुछ कहतीउलझे लट सुलझा सुलझाकरझटझट झटझट झरझर झरझरबूंदें गिरतीं बालों से पल-पलदिखतीं ये मोती सी मुझकोया ज्यों झरता झरने का जलझर झर झरता झरने सा जलझर झर...
View Articleरात दिन की किचकिच पिटपिट
रात दिन की किचकिच पिटपिटतंग होकर भागी बीबीघर छोड़कर भागी बीबीवह अपना दुःखड़ा सबको सुनाता फिरता हैतू चिंता मत कर आ आयेगीपास बैठ कोई अपना समझाने लगता हैऊँच नीच की बातें चलतीहोता गला तर गम धुंए में उड़ता...
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