होली पर उत्तराखंड में गाए जाने वाले गीत
खोलो किवाड़ चलो मठ भीतर, दरसन दीज्यो माई आंबे, झुलसी रहो जी तीलू को तेल कपास की बाटी जगमग जोत जले दिन राती, झुलसी रहो जी -------------------------------------------- जल कैसे भरूं जमुना गहरी जल कैसे...
View Articleअपमान के साथ मिले लाभ से सम्मान के साथ हानि उठाना भला
गलत ढंग से कमाया धन गलत ढंग से खर्च हो जाता है बड़ी आसानी से मिलने वाला आसानी से खो भी जाता है दूध की कमाई दूध और पानी की पानी में जाती है चोरी की ऊन ज्यादा दिन गर्माइश नहीं देती है एक नुकसान होने पर...
View Articleहमेशा के डर से उससे एक बार गुजर जाना भला
गर्म पानी से झुलसा कुत्ता ठण्डे पानी से भी डरता है चूने से मुँह जले वाले को दही देखकर डर लगता है रीछ से डरा आदमी कंबल वाले को देख डर जाता है दूध का जला छाछ को फूँक-फूँक कर पीता है ईश्वर से न डरने वाले...
View Articleभेड़ाघाट (जबलपुर) नौका विहार Bhedaghat Nauka Vihar
जब भी जबलपुर जाना होता है, तो माँ नर्मदा के दर्शन के साथ भेड़ाघाट देखने को मन उत्सुक हो उठता है। भेड़ाघाट पहुँचकर शांत वातावरण के बीच नर्मदा नदी के खूबसूरत संगमरमरी चट्टानों के अनोखे सौंदर्य में नौका...
View Articleदूर की बड़ी मछली से पास की छोटी मछली भली होती है
जब तक चूजे अंडे से बाहर न आ जाएं तब तक उनकी गिनती नहीं करनी चाहिए जब तक ताजा पानी न मिल जाए तब तक गंदे पानी को नहीं फेंकना चाहिए भालू को मारने से पहले उसके खाल की कीमत नहीं लगानी चाहिए मछली पकड़ने से...
View Articleडाॅक्टर बनने की राह आसान बनाने हेतु एक सार्वजनिक अपील
माउंटेन मैन के नाम से विख्यात दशरथ मांझी को आज दुनिया भर के लोग जानते हैं। वे बिहार जिले के गहलौर गांव के एक गरीब मजदूर थे, जिन्होंने अकेले अपनी दृ़ढ़ इच्छा शक्ति के बूते अत्री व वजीरगंज की 55 किलोमीटर...
View Articleदशरथ मांझी की राह चला एक और मांझी
माउंटेन मैन ‘दशरथ मांझी’ की तरह अपनी दयनीय स्थिति के बावजूद दृढ़ इच्छा शक्ति रखने वाला एक और मांझी जो कि मध्यप्रदेश के जिला होशंगाबाद का निवासी है, जो एक पिछड़े इलाके सोहागपुर जैसे एक छोटे से स्कूल का...
View Articleमौत नहीं पर कुछ तो अपने वश में होता ही है
जरा इन मासूम बच्चों को अपनी संवेदनशील नजरों से देखिए, जिसमें 14 वर्ष की सपना और उसकी 11 वर्ष की बहिन साक्षी और 11 वर्ष के भैया जिन्हें अभी कुछ दिन पहले तक माँ-बाप का सहारा था, वे 1 जुलाई 2018 रविवार को...
View Articleस्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर, दिल्ली
स्वामिनारायण अक्षरधाम! भारतीय संस्कृति और अध्यात्म के ज्योतिर्धर के रूप में अवतरित भगवान स्वामिनारायण का शाश्वत निवास-धाम है। दिल्ली के पावन यमुना-तट पर जहाँ ऊबड़-खाबड़ झाडि़यों से युक्त विशाल बंजर...
View Articleफायदे अक्सर आदमी को गुलाम बना देते हैं
सोने की बेड़ियां हों तो भी उसे कौन चाहता है? स्वतंत्रता स्वर्ण से अधिक मूल्यवान होता है बंदी राजा बनने से आजाद पंछी बनना भला जेल के मेवे-मिठाई से रूखा-सूखा भोजन भला स्वतंत्रता का अर्थ खुली छूट नहीं...
View Articleअबकी बार राखी में जरुर घर आना
राह ताक रही है तुम्हारी प्यारी बहना अबकी बार राखी में जरुर घर आना न चाहे धन-दौलत, न तन का गहना बैठ पास बस दो बोल मीठे बतियाना मत गढ़ना फिर से कोई नया बहाना राह ताक रही है तुम्हारी प्यारी बहना अबकी बार...
View Articleभरे पेट भुखमरी के दर्द को कौन समझता है
पहनने वाला ही जानता है जूता कहाँ काटता है जिसे कांटा चुभे वही उसकी चुभन समझता है पराये दिल का दर्द अक्सर काठ का लगता है पर अपने दिल का दर्द पहाड़ सा लगता है अंगारों को झेलना चिलम खूब जानती है समझ तब...
View Articleसुख-शांति और ज्ञान-बुद्धि के दाता है गणपति जी
हमारी भारतीय संस्कृति में गणेश जी के जन्मोत्सव की कई कथाएं प्रचलित हैं। हिन्दू संस्कृति (कल्याण) के अनुसार भगवान श्रीगणेश के जन्मकथा का इस प्रकार उल्लेख है- “जगदम्बिका लीलामयी है। कैलाश पर अपने...
View Articleक्यों परीक्षा पड़ती सब पर भारी!
आज आया है शिवा का जन्मदिन पर नहीं है कोई मनाने की तैयारी मेज पर केक बदले पसरी किताबें क्यों परीक्षा पड़ती सब पर भारी! अनमना बैठा है उसका मिट्ठू टीवी-मोबाईल से छूटी है यारी गुमसुम है घर का कोना-कोना...
View Articleगाँधी-शास्त्री जयंती पर दो कविताएँ
युगावतार गाँधी चल पड़े जिधर दो डग, मग में, चल पड़े कोटि पग उसी ओर पड़ गई जिधर भी एक दृष्टि, पड़ गये कोटि दृग उसी ओर; जिसके सिर पर निज धरा हाथ, उसके शिर-रक्षक कोटि...
View Articleनवरात्र के व्रत और बदलते मौसम के बीच सन्तुलन
जब प्रकृति हरी-भरी चुनरी ओढ़े द्वार खड़ी हो, वृक्षों, लताओं, वल्लरियों, पुष्पों एवं मंजरियों की आभा दीप्त हो रही हो, शीतल मंद सुगन्धित बयार बह रही हो, गली-मोहल्ले और चौराहे माँ की जय-जयकारों के साथ...
View Articleरावण ने सीताहरण को मुक्ति का मार्ग बनाया
मुझे बचपन से ही रामलीला देखने का बड़ा शौक रहा है। आज भी आस-पास जहाँ भी रामलीला का मंचन होता है तो उसे देखने जरूर पहुंचती हूँ। बचपन में तो केवल एक स्वस्थ मनोरंजन के अलावा मन में बहुत कुछ समझ में आता न...
View Articleदीपावली का आरोग्य चिन्तन
दीपावली जन-मन की प्रसन्नता, हर्षोल्लास एवं श्री-सम्पन्नता की कामना के महापर्व के रूप में मनाया जाता है। कार्तिक की अमावस्या की काली रात्रि को जब घर-घर दीपकों की पंक्ति जल उठती है तो वह पूर्णिमा से अधिक...
View Articleआओ मिलकर दीप जलाएं
आओ मिलकर दीप जलाएं अँधेरा धरा से दूर भगाएं रह न जाय अँधेरा कहीं घर का कोई सूना कोना सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना हर घर -आँगन में रंगोली सजाएं आओ मिलकर दीप जलाएं. हर दिन जीते अपनों के लिए कभी दूसरों के...
View Articleयौवन गुलाबी फूलों का सेहरा तो बुढ़ापा कांटों का ताज होता है
लम्बी उम्र सब चाहते हैं पर बृढ़ा होना कोई नहीं चाहता है यौवन गुलाबी फूलों का सेहरा तो बुढ़ापा कांटों का ताज होता है छोटी उम्र या कोरे कागज पर कोई भी छाप छोड़ी जा सकती है युवा के पास ज्ञान तो वृद्ध के पास...
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